शिव जी की आरती हिंदी/संस्कृत लिरिक्स
जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजेंद्र हेमांगी,
विलोल वीणा नृत्य करत भगवंत भागवंगी॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जनत अविवेका,
पापिन कैसे होई नश्वर माया में फंसेका॥
जगत जननि जिनकी प्रतिपालक विश्व, जग पालका,
भक्तवत्सल विनय विनोद भवानी मातरानी॥
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, स्वरूप जननी,
सुखी दाता, सुखी संतान, सदा सुखी रहें हम सबके मनी॥
जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
ध्यानु सदा जो शंकर करता, भाल मुण्ड माला,
चंदन मृगमद सोण उपमाल बजावें मृदंगा॥
शाशिवदन चारु चंद्र सुन्दर मुखारविन्द,
जयति भाला धर मूँड महाकाल काली भुवनेश्वरी॥
जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
मूला माया मोहिनी रामदूत बचें कोई,
कैसे न आवेंगे जी भवबंधन को छोड़ें कोई॥
सब नर नारी ज्ञान विज्ञान सुधारा करें,
महिमा अमित की शिव नाम निहारा करें॥
जय शिव ओंकारा, हर हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥
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